Preeti Pal: संघर्ष और सफलता! प्रीति पाल का पैरालंपिक में ऐतिहासिक प्रदर्शन, महिला 200 मीटर रेस में दूसरा ब्रॉन्ज मेडल जीतकर रचा इतिहास

Preeti Pal: संघर्ष और सफलता! प्रीति पाल का पैरालंपिक में ऐतिहासिक प्रदर्शन, महिला 200 मीटर रेस में दूसरा ब्रॉन्ज मेडल जीतकर रचा इतिहास
Last Updated: 02 सितंबर 2024

भारत की महिला धावक प्रीति पाल ने पेरिस पैरालंपिक खेलों में एक नई मिसाल कायम की है। उन्होंने इन खेलों में दो पदक जीतकर इतिहास रचा है। प्रीति ने 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में ये मेडल अपने नाम किए हैं। अपने अदम्य साहस और दृढ़ता के साथ, प्रीति ने वह उपलब्धि हासिल की है जो किसी भी भारतीय महिला के लिए ओलंपिक या पैरालंपिक में पहले कभी संभव नहीं थी।

Paralympics 2024: प्रीति पाल ने पेरिस पैरालंपिक-2024 में 200 मीटर T-35 स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर एक बार फिर से इतिहास रच दिया है। यह उनका इस पैरालंपिक में दूसरा मेडल है, जो उनकी कड़ी मेहनत और उत्कृष्ट प्रदर्शन का प्रतीक है। उनके इस शानदार प्रदर्शन ने केवल देश को गर्व का मौका दिया बल्कि उन्होंने एक ही पैरालंपिक में दो मेडल जीतकर भारतीय खेल इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करवा लिया है।

प्रीति ने पैरालंपिक में रचा इतिहास

बता दें कि इससे पहले प्रीति पाल ने पेरिस पैरालंपिक-2024 में 100 मीटर T-35 रेस में 14.21 सेकेंड का समय निकालते हुए अपना पहला मेडल जीता था और 200 मीटर रेस में 30.01 सेकेंड का समय निकालकर अपने बेस्ट टाइम के साथ दूसरा मेडल हासिल किया। उनका यह प्रदर्शन उनकी मेहनत और समर्पण को दर्शाता है, जिसने उन्हें इन खेलों में इतिहास रचने वाला खिलाड़ी बना दिया है।

दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला

प्रीति पाल ने पेरिस पैरालंपिक-2024 में अपना दूसरा मेडल जीतते ही रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज करवा लिया। वह एक ही पैरालंपिक में ट्रैक एंड फील्ड में दो मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं। उनके इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने भारतीय खेल इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है, जिसे पहले किसी भी भारतीय महिला खिलाड़ी ने नहीं हासिल किया था।

संघर्ष भरा रहा जीवन: Preeti

भारतीय होनहार एथलीट Preeti Pal उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं और एक किसान की बेटी हैं। उनके संघर्ष की कहानी प्रेरणादायक है। बचपन से ही उन्हें पैरों में तकलीफ थी, और जन्म के समय उनकी लोअर बॉडी को छह दिनों तक प्लास्टर में रखा गया था। उनके पैर कमजोर थे, और उन्होंने पांच साल की उम्र से कैलीपर्स पहनना शुरू किया। इन चुनौतियों के बावजूद, प्रीति ने अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है, जिससे वह लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन गई हैं।

चौथे दिन भारत के दो मेडल हुए पक्के

भारत ने पेरिस पैरालंपिक के चौथे दिन दो और मेडल पक्के कर लिए हैं। पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी नितेश कुमार मेंस सिंग्लस एसएल3 के फाइनल में पहुंचकर सिल्वर मेडल पक्का कर चुके हैं और अब गोल्ड के लिए मुकाबला करेंगे। वहीं, पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास यथिराज भी मेंस सिंग्लस एसएल4 कैटेगरी के फाइनल में पहुंच गए हैं, जिससे उनका भी मेडल सुनिश्चित हो गया है। भारत के लिए यह पैरालंपिक अब तक शानदार साबित हो रहा है।

इन खिलाड़ियों ने जीते मेडल

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत के लिए पहला मेडल शूटर अवनि लेखरा ने 10 मीटर एयर राइफल SH1 में गोल्ड मेडल जीतकर हासिल किया। इसी इवेंट में मोना अग्रवाल ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। इसके बाद प्रीति पाल ने 100 मीटर T35 कैटेगिरी में ब्रॉन्ज, मनीष नरवाल ने 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 में सिल्वर, और रुबीना फ्रांसिस ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। भारत के खिलाड़ियों ने अब तक के शानदार प्रदर्शन से देश को गर्वित किया है।

 

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